नई दिल्ली /सर्वोदय:- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। मंगलवार, 22 अप्रैल की दोपहर आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, जिसमें दो विदेशी नागरिकों समेत 26 लोगों की मौत हो गई और 20 से ज्यादा घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के फ्रंट ग्रुप “द रजिस्टेंस फ्रंट”(TRF) ने ली है।
आतंकियों की बर्बरता का नया चेहरा
हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में भारतीय सुरक्षाबलों ने कड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। पहलगाम और आसपास के इलाकों में सेना, CRPF और स्थानीय पुलिस के संयुक्त अभियान चल रहे हैं। आतंकियों की धर-पकड़ के लिए सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
सर्वदलीय बैठक के बाद एकजुटता का संदेश
हमले के तुरंत बाद केंद्र सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक बुलाई गई, जिसमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा: “यह समय राजनीति का नहीं, देश की एकजुटता का है। हम आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ खड़े हैं।” राहुल गांधी ने कहा कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और हम सबको मिलकर इसका सामना करना होगा।
जांच और कार्रवाई तेज
गृह मंत्रालय ने एनआईए और इंटेलिजेंस एजेंसियों को घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, आतंकियों को सीमा पार से निर्देश और सहायता मिली थी, जिसकी कड़ी जांच की जा रही है। TRF के कई संभावित ठिकानों पर छापेमारी की गई है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया और राष्ट्रीय एकता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं, विपक्षी दलों ने भी एक सुर में इस कायरतापूर्ण हमले की आलोचना की है।
BJP नेता अमित शाह ने कहा:
“यह हमला भारत की अखंडता को चुनौती देने की कोशिश है, लेकिन हम इसका माकूल जवाब देंगे।”



