Friday, November 14, 2025

Buy now

spot_imgspot_imgspot_imgspot_img

PoK से ढाका तक फैला ISI का आतंकी जाल, हमास से भी जुड़ा कनेक्शन? पहलगाम हमले के बाद बड़ा खुलासा

नई दिल्ली/सर्वोदय:- जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार पूरी तरह सतर्क हो गई है और पाकिस्तान को कड़ा संदेश देने की तैयारी में जुटी है। अब एक बड़ा खुलासा सामने आया है, जिसमें हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हमास के गठजोड़ की बात कही गई है। सूत्रों के अनुसार, इस हमले का पैटर्न हमास द्वारा इजरायल पर किए गए हमले जैसा था।

हमले में शामिल थे पाकिस्तानी आतंकी

खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, पहलगाम हमले में शामिल चार आतंकियों में से दो पाकिस्तानी और दो स्थानीय कश्मीरी थे। सभी को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों में प्रशिक्षण दिया गया था। चौंकाने वाली बात यह है कि इन शिविरों में हमास के प्रशिक्षकों ने विशेष ट्रेनिंग मॉड्यूल तैयार किया था, जिसे ISI का पूरा समर्थन प्राप्त था।

हमास के नेताओं का PoK दौरा

सूत्रों के मुताबिक, 5 फरवरी 2025 को इजरायल द्वारा रिहा किए गए कुछ हमास नेता पाकिस्तान के निमंत्रण पर PoK पहुंचे थे। वहाँ उन्होंने लश्कर और जैश के शीर्ष आतंकवादियों से मुलाकात की और रावलकोट में आयोजित एक रैली में हिस्सा लिया। इस रैली में हमास के प्रवक्ताओं डॉ. खालिद कद्दूमी, डॉ. नाजी ज़हीर, मुफ्ती आज़म और बिलाल अलसल्लात के साथ-साथ कई पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल हुए। उन्हें घोड़ों पर बैठाकर ‘क्रांतिकारी’ के रूप में प्रस्तुत किया गया।

ढाका तक पहुंचा कट्टरपंथ का एजेंडा

एक अन्य खुफिया रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ है कि ISI ने हमास के नेताओं को ढाका भेजा था, जहाँ ‘अल मरकज़ुल इस्लामी’ नामक कट्टरपंथी संगठन ने उन्हें आमंत्रित किया था। इसका उद्देश्य भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में कट्टरपंथी विचारधारा फैलाना था। इस संगठन के संस्थापक मुफ्ती शाहिदुल इस्लाम के अल-कायदा से भी संबंध रहे हैं।

कश्मीर और फिलिस्तीन को जोड़ने की साजिश

रावलकोट में आयोजित रैली का एकमात्र उद्देश्य यह संदेश देना था कि कश्मीर और फिलिस्तीन एक ही ‘पैन-इस्लामिक जिहाद’ का हिस्सा हैं और पूरी उम्मा को भारत और इजरायल के खिलाफ एकजुट होना चाहिए। इस मंच पर लश्कर और जैश के कई बड़े आतंकी नेता मौजूद थे, जिनमें मसूद अज़हर का भाई तल्हा सैफ और लॉन्चिंग कमांडर असगर खान कश्मीरी भी शामिल थे।

भारत की सख्त प्रतिक्रिया की तैयारी

भारत सरकार ने पहले ही पाकिस्तान को कूटनीतिक और आर्थिक रूप से अलग-थलग करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। अब सैन्य विकल्पों पर भी गंभीरता से विचार किया जा रहा है। खुफिया एजेंसियां इस घटनाक्रम को एक वैश्विक आतंकी साजिश का हिस्सा मान रही हैं, जिसमें लोकतांत्रिक देशों को अस्थिर करने के लिए समन्वित रणनीति बनाई गई है।

इजरायल ने जताई भारत से एकजुटता

हमले के बाद इजरायल ने भारत के साथ एकजुटता जताई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक रैली में इजरायल के समर्थन का जिक्र किया, जो भारत और इजरायल के बीच आतंक के खिलाफ साझा लड़ाई का संकेत माना जा रहा है।

इस खुलासे के बाद साफ हो गया है कि पाकिस्तान की जमीन पर पनप रहे आतंकी संगठनों को सिर्फ स्थानीय नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समर्थन मिल रहा है। भारत सरकार अब न केवल देश के भीतर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी इस जिहादी गठबंधन के खिलाफ एकजुट करने की दिशा में कदम उठा रही है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

1,388FansLike
133FollowersFollow
621SubscribersSubscribe
- Advertisement -[cricket_score]

Latest Articles