न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक के खिलाफ केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने उनकी संस्था ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (SECMOL)’ का एफसीआरए (विदेशी फंडिंग) लाइसेंस रद्द कर दिया है। मंत्रालय ने यह कदम वित्तीय अनियमितताओं और विदेशी चंदे में कथित गड़बड़ियों के चलते उठाया है। साथ ही CBI द्वारा उनकी दूसरी संस्था ‘हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव लद्दाख (HIAL)’ की जांच भी जारी है।
लेह हिंसा के बाद बढ़ा दबाव, वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा पर भी जांच
गौरतलब है कि हाल ही में लेह में हुई हिंसा के लिए सरकार ने वांगचुक के भाषणों को जिम्मेदार ठहराया था। इस हिंसा में चार लोगों की मौत और 89 घायल हुए थे। सुरक्षा एजेंसियों ने अब वांगचुक की पाकिस्तान यात्रा और उसकी संभावित भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है।
सरकार की सख्ती पर वांगचुक का पलटवार
जांच का दायरा बढ़ते देख सोनम वांगचुक ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा,“अगर मुझे गिरफ्तार किया गया, तो सरकार के लिए और बड़ी मुश्किलें खड़ी होंगी। सोनम वांगचुक जेल से कहीं ज्यादा असरदार हो सकता है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जन सुरक्षा अधिनियम (PSA) के तहत उन्हें जेल भेजना चाहती है। “मुझे दो साल के लिए जेल भेजा जाए, मैं तैयार हूं,” उन्होंने कहा।
क्या हैं वांगचुक के खिलाफ आरोप?
गृह मंत्रालय के अनुसार: एफसीआरए सेक्शन 17 का उल्लंघन: वांगचुक की संस्था के एफसीआरए खाते में 3.5 लाख रुपये नकद जमा कराए गए, जो कि नियमों के खिलाफ है। सेक्शन 18 का उल्लंघन: 3.35 लाख रुपये की एक विदेशी एंट्री की सूचना दी गई, लेकिन यह एफसीआरए खाते में दर्ज नहीं की गई। स्वीडन से प्राप्त 4.93 लाख रुपये की सहायता, जागरूकता अभियान के नाम पर प्राप्त की गई थी, जिसे लेकर मंत्रालय ने आपत्ति जताई है कि संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर विदेशी चंदा नहीं लिया जा सकता।
जमीन की वापसी और विदेशी फंडिंग की जांच से उग्र हुए हालात
सरकार द्वारा HIAL को आवंटित जमीन वापस लिए जाने और विदेशी फंडिंग की जांच शुरू होने के बाद वांगचुक ने आंदोलन की अगुवाई शुरू की। 10 सितंबर से लेह में भूख हड़ताल पर बैठे वांगचुक का अनशन बुधवार को हिंसा में तब्दील हो गया, जिसके बाद उन्होंने चुपचाप अनशन समाप्त कर अपने गांव का रुख कर लिया।
केंद्र सरकार की मंशा पर उठाए सवाल
वांगचुक ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि,”सरकार पहले कांग्रेस को हिंसा के लिए जिम्मेदार बता रही थी, अब मुझे बना रही है। लेकिन मूल समस्या – लद्दाख को विशेष दर्जा – को हल नहीं करना चाहती।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंसा में उनकी कोई भूमिका नहीं है और CBI जांच के तहत मांगे गए सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए जा चुके हैं।