नई दिल्ली/सर्वोदय:- भारत-पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद उपजा तनाव अब राष्ट्रीय सुरक्षा स्तर तक पहुंच चुका है। ऐसे समय में गृह मंत्रालय ने देशभर के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 7 मई को व्यापक नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह मॉक ड्रिल विशेष रूप से हवाई हमले और आपात स्थिति की तैयारियों को लेकर केंद्रित होगी।
क्या है गृह मंत्रालय का निर्देश?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्यों को अहम बिंदुओं पर मॉक ड्रिल आयोजित करने को कहा है:
1.हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरनों का परीक्षण और संचालन।
2.नागरिकों, छात्रों और सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स को आपात स्थितियों से निपटने की ट्रेनिंग।
3.ब्लैकआउट उपायों का प्रदर्शन, जैसे—अंधेरे में लाइट्स बंद करना।
4.महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठानों को छिपाने या संरक्षित करने के प्रोटोकॉल।
5.निकासी (evacuation) योजनाओं को अपडेट करना और अभ्यास कराना।
क्या होता है मॉक ड्रिल?
मॉक ड्रिल एक पूर्व-निर्धारित अभ्यास होता है, जो यह सुनिश्चित करता है कि किसी आपातकालीन या आतंकी स्थिति में नागरिकों, एजेंसियों और संसाधनों की प्रतिक्रिया तेज और प्रभावी हो। इसका उद्देश्य होता है:
आपदा की स्थिति में रेस्पॉन्स की समीक्षा।
सुरक्षा एजेंसियों के बीच तालमेल का परीक्षण।
कमियों, जोखिमों और सुधार की जरूरतों की पहचान।
सामान्य नागरिकों को सशक्त बनाना कि वे कैसे खुद को सुरक्षित रखें।
क्यों खास है यह मॉक ड्रिल?
इस बार की मॉक ड्रिल सिर्फ सामान्य सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि हवाई हमले या सैन्य आपात स्थिति के परिदृश्य पर आधारित है। इसके पीछे हाल ही में पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और राष्ट्रीय सुरक्षा खतरों की आशंका को भी कारण माना जा रहा है।
पाकिस्तान से बढ़े तनाव के बीच सख्त कदम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। ऐसे में यह मॉक ड्रिल सुरक्षा एजेंसियों के लिए न केवल अभ्यास का मौका है, बल्कि यह दिखाता है कि भारत किसी भी आपात या युद्ध जैसी स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहता है।



