नई दिल्ली/सर्वोदय:- फिल्मों में दिखने वाला जासूसी का रोमांच अब हकीकत बन चुका है। भारत की सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़े अभियान “ऑपरेशन सिंदूर” के तहत हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से 11 पाकिस्तानी जासूसों को गिरफ्तार कर देशविरोधी गतिविधियों का भंडाफोड़ किया है। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद शुरू की गई थी।
इस नेटवर्क का संचालन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर हो रहा था, जिसमें सोशल मीडिया, हनीट्रैप और डिजिटल मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल कर भारत की संवेदनशील जानकारियां जुटाई जा रही थीं।
भारत में गिरफ्तार पाक जासूसों की सूची
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जासूस का नाम |
गिरफ्तारी स्थान |
राज्य |
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ज्योति मल्होत्रा |
हिसार | हरियाणा |
| नोमान इलाही | पानीपत |
हरियाणा |
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देवेंद्र सिंह ढिल्लन |
कैथल | हरियाणा |
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मोहम्मद मुर्तजा अली |
जालंधर |
पंजाब |
| शहजाद | मुरादाबाद |
उत्तर प्रदेश |
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सुखप्रीत सिंह |
गुरदासपुर | पंजाब |
| करनबीर सिंह | गुरदासपुर |
पंजाब |
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यामीन मोहम्मद |
मलेरकोटला | पंजाब |
| ग़ज़ाला खातून | मलेरकोटला |
पंजाब |
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तारीफ |
नूंह | हरियाणा |
| मोहम्मद अरमान | नूंह |
हरियाणा |
कैसे काम करता था यह जासूसी नेटवर्क?
जांच एजेंसियों के अनुसार, इस जासूसी नेटवर्क का निशाना मुख्य रूप से 20 से 30 वर्ष के युवा थे जो सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते थे। इनमें से कुछ को अनजाने में झांसे में लिया गया, जबकि कई युवाओं को पैसे, रोमांटिक संबंधों या फर्जी नौकरी का लालच देकर फंसाया गया।
ज्योति मल्होत्रा नाम की ट्रैवल व्लॉगर को कथित रूप से एक नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल के जरिए हनीट्रैप में फंसाया गया और बाद में वह सीमावर्ती इलाकों के वीडियो, बीएसएफ मूवमेंट और रेडार लोकेशन जैसी संवेदनशील जानकारी साझा करने लगीं।
पंजाब के मलेरकोटला से गिरफ्तार छह जासूस मामूली स्थानीय काम करते थे, लेकिन उन्हें विदेश से निर्देश देकर भारतीय सैन्य ठिकानों की जानकारी इकट्ठा करने को कहा गया था।
सोशल मीडिया बना जासूसी का हथियार
सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि इस ऑपरेशन से यह स्पष्ट होता है कि कैसे दुश्मन देश अब पारंपरिक जासूसी के बजाय डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल कर रहे हैं। हनीट्रैपिंग, एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग ऐप्स और क्लाउड स्टोरेज जैसे प्लेटफॉर्म इस नेटवर्क के मुख्य हथियार थे।
सुरक्षा एजेंसियों का सख्त संदेश
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा: “सोशल मीडिया के जरिए देश की सुरक्षा में सेंध लगाने वालों पर हमारी कड़ी नजर है। जो भी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
क्या है आगे की रणनीति?
अब इन सभी गिरफ्तार आरोपियों से गहन पूछताछ की जा रही है। एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस नेटवर्क की जड़ें और भी गहरी हैं और इसमें किन अन्य लोगों की भूमिका रही है। भविष्य में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।



