न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- शारदीय नवरात्रि 2025 का आरंभ इस वर्ष सोमवार, 22 सितंबर से हो रहा है। देवी उपासना के इन नौ दिनों का विशेष महत्व है, और इस बार नवरात्रि की शुरुआत शुक्ल और ब्रह्म योग जैसे शुभ संयोग में हो रही है, जो इसे और भी फलदायी बना रहा है। पंचांग के अनुसार प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को रात 01:23 बजे शुरू होकर 23 सितंबर को रात 02:55 बजे तक रहेगी। इसी दिन विधिपूर्वक घटस्थापना कर नवरात्रि पूजन की शुरुआत की जाएगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
22 सितंबर को सुबह 06:09 बजे से 08:06 बजे तक का समय घटस्थापना के लिए सबसे उत्तम माना गया है। यह कुल 1 घंटा 56 मिनट का विशेष मुहूर्त है, जिसमें देवी दुर्गा का आवाहन कर नवरात्रि पूजन आरंभ किया जाता है।
नवरात्रि की पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान करके घर के मंदिर की सफाई करें।
- शुभ मुहूर्त में मिट्टी के बर्तन में जौ बोकर उस पर कलश स्थापित करें।
- कलश पर नारियल रखें और कलावा बांधें।
- मां दुर्गा का गंगाजल से अभिषेक करें।
- मां को अक्षत, लाल चंदन, चुनरी, लाल पुष्प अर्पित करें।
- मिठाई और फल का भोग लगाएं।
- धूपबत्ती और घी का दीपक जलाएं।
- दुर्गा सप्तशती या दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
- पान के पत्ते पर कपूर रखकर आरती करें।
- अंत में क्षमायाचना करें।
नवरात्रि में उच्चारित किए जाने वाले मंत्र
- बीज मंत्र:
“ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै।” -
सर्वमंगल मंत्र:
“सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते॥”
नवरात्रि के विशेष उपाय
- नौ दिनों तक नौ देवियों की विधिपूर्वक पूजा करने से जीवन में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
- नवरात्रि साधना से नवग्रहों का दोष शांत होता है।
- मां दुर्गा की कृपा से काल सर्प दोष, मंगल दोष, कुमारी दोष जैसी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
महत्वपूर्ण नोट: यह जानकारी धार्मिक मान्यताओं और पंचांग विवरणों पर आधारित है। किसी भी धार्मिक विधि को अपनाने से पहले क्षेत्रीय विशेषज्ञ या आचार्य की सलाह अवश्य लें।



