न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (UP STF) ने किसानों के साथ बड़ा धोखा करने वाले एक नकली उर्वरक बनाने और बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों में मुख्य सरगना राहुल सिंघल, सुभाष सिंह और जगन सिंह शामिल हैं।
गिरोह लंबे समय से नकली डीएपी और अन्य उर्वरकों को असली ब्रांड के नाम पर पैक कर विभिन्न राज्यों में सप्लाई कर रहा था। एसटीएफ की कार्रवाई में कुल 500 बोरी नकली खाद, भारी मात्रा में पैकिंग सामग्री और दो वाहन जब्त किए गए हैं।
कहां और कैसे हुई कार्रवाई?
एसटीएफ को खुफिया सूचना मिली थी कि कुछ ठिकानों पर नकली डीएपी तैयार कर बाजार में बेची जा रही है। पहली गिरफ्तारी मथुरा के तारसी चौराहा क्षेत्र से दूसरी कार्रवाई गाजियाबाद के मुरादनगर में हुई| एसटीएफ की टीम का नेतृत्व एएसपी राकेश सिंह और निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा कर रहे थे
क्या-क्या मिला?
35 बोरी भारत डीएपी (आईपीएल मार्का), 450 बोरी विराट भूमि शक्ति मार्का, 550 बोरी बिना ब्रांड मार्का खाद, 1200 खाली बैग और 1000 बिना प्रिंट बैग, 50 रील सिलाई धागे, एक पैकिंग मशीन, एक ट्रक और एक बोलेरो वाहन जब्त |
यह भी पढ़े:- ये फूड सेक्सुअल हेल्थ को कर सकते हैं प्रभावित, जानिए क्या ना खाएं…
पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे
मुख्य आरोपी राहुल सिंघल ने बताया कि: नकली खाद का कच्चा माल मुजफ्फरनगर से आता था, पैकिंग बैग जयपुर और कोलकाता से मंगवाए जाते थे, यह नकली उर्वरक उत्तर प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों में सप्लाई होता था| इस धंधे से उन्हें तीन से चार गुना तक मुनाफा होता था |एक गोदाम 25,000 रुपये मासिक किराये पर लिया गया था |
क्या कार्रवाई हुई?
जिलाधिकारी मथुरा और गाजियाबाद की अनुमति के बाद अभियोग दर्ज कर लिया गया है| आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 सहित कई धाराओं में मुकदमा किया गया है| मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच जारी है |
किसानों को राहत
एसटीएफ की इस कार्रवाई से नकली खाद के जाल का एक बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। यह कदम ऐसे समय में आया है जब रबी की बुवाई का मौसम नजदीक है और किसानों को असली खाद की सबसे ज्यादा जरूरत होती है।
एसटीएफ की इस सफलता से न केवल एक संगठित आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, बल्कि किसानों को भारी नुकसान से भी बचाया गया है।



