न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- दिल्ली पुलिस ने यौन शोषण के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे चैतन्यानंद सरस्वती के नेटवर्क पर बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की तीन महिला अधिकारियों – श्वेता शर्मा (एसोसिएट डीन), भावना कपिल (कार्यकारी निदेशक) और काजल (वरिष्ठ संकाय) – को गिरफ्तार कर लिया है।
इन तीनों पर आरोप है कि वे छात्राओं को धमकाकर चैतन्यानंद सरस्वती के पास भेजती थीं। साथ ही सबूत नष्ट करने और छात्राओं को चुप कराने के लिए दबाव बनाने में भी शामिल थीं।
आरोपी महिला अधिकारी और उनकी भूमिका
पुलिस के अनुसार, तीनों महिलाएं सगी बहनें हैं और चैतन्यानंद सरस्वती की सबसे करीबी मानी जाती थीं। छात्राओं ने बयान दिया कि इनके दबाव में उन्हें बाबा के पास भेजा जाता था। तीनों ने छात्राओं के मोबाइल जबरन लेकर बाबा के चैट डिलीट करवाए। फरारी के दौरान इन्होंने सीसीटीवी फुटेज हटाने और दस्तावेज गायब करने की साजिश रची।
पूछताछ में क्या निकला सामने?
दिल्ली पुलिस सूत्रों के मुताबिक: तीनों बहनों ने स्वीकार किया कि वे पार्थसारथी नामक सहयोगी के निर्देश पर काम करती थीं। अनुशासन और समय की पाबंदी के नाम पर छात्राओं पर दबाव बनाया जाता था। गिरफ्तार महिलाओं के मोबाइल से छात्राओं की कई तस्वीरें मिलीं, जिन्हें बाबा को भेजा गया था।
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पुलिस को एक व्हाट्सएप ग्रुप “पार्थसारथी योग” भी मिला है, जिसमें छात्राओं की योग करते हुए तस्वीरें डाली जाती थीं। बाबा इन पर अश्लील टिप्पणियां करता था।
अल्मोड़ा से जुटाए गए सबूत
दिल्ली पुलिस की टीम ने उत्तराखंड के अल्मोड़ा में छापा मारकर कई सबूत जुटाए। एक गेस्ट हाउस मालिक और स्टाफ ने बताया कि बाबा वहां अक्सर रुकता था। उसके साथ हमेशा कई लड़कियां होती थीं। बाबा कमरों से बाहर नहीं निकलता था और स्टाफ से सभी चीजें वहीं मंगवाता था। जाते समय वह पैसे देकर सबको चुप कर देता था।
पुलिस का कहना है कि जल्द ही उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने फरारी के दौरान बाबा को होटल बुकिंग, पैसे और अन्य मदद दी।



