Bihar Exit Poll 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों से पहले आए एग्जिट पोल्स ने राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है। बुधवार को जारी टुडेज चाणक्य के एग्जिट पोल के आंकड़ों ने सबको चौंका दिया है। सर्वे के अनुसार, इस बार एनडीए गठबंधन ने लालू यादव और तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के परंपरागत यादव वोटबैंक में बड़ी सेंध लगाई है।
एग्जिट पोल के मुताबिक, इस चुनाव में एनडीए गठबंधन को करीब 23 फीसदी यादव मत मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन (RJD-कांग्रेस आदि) को लगभग 67 फीसदी यादव वोट मिल सकते हैं। इसमें तीन फीसदी का प्लस-माइनस मार्जिन रखा गया है।
मुस्लिम और अन्य जातियों का रुझान
रिपोर्ट के अनुसार, मुस्लिम वोटर्स में एनडीए को 12 फीसदी और महागठबंधन को 69 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है।
वहीं जातिगत समीकरणों की बात करें तो,दलित (SC) वोटर्स में से 58 फीसदी ने एनडीए को समर्थन दिया है, जबकि 26 फीसदी ने महागठबंधन को वोट दिया। ब्राह्मण, बनिया और राजपूत मतदाताओं में से 63 फीसदी एनडीए के पक्ष में हैं, जबकि 19 फीसदी महागठबंधन के साथ। ओबीसी और ईबीसी (अतिपिछड़ा वर्ग) में 55 फीसदी वोट एनडीए और 24 फीसदी महागठबंधन के खाते में जाते दिख रहे हैं।
भाजपा का “यादव कार्ड” हुआ हिट?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा लंबे समय से यादव वोटबैंक को साधने की कोशिश कर रही थी। मध्य प्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाना इसी रणनीति का हिस्सा माना गया। इसके बाद पार्टी ने मोहन यादव को न सिर्फ एमपी, बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी प्रचार के केंद्र में रखा।
बिहार चुनाव में मोहन यादव ने कई रैलियां कीं, और अब एग्जिट पोल के आंकड़े बताते हैं कि भाजपा की यह रणनीति रंग लाती नजर आ रही है। अगर नतीजे एग्जिट पोल के अनुरूप रहे, तो यह बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है।



