न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़- समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान मंगलवार सुबह 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा हुए। जैसे ही वह जेल से बाहर निकले, उनका वही पुराना शायराना अंदाज नजर आया। कार में बेटे अब्दुल्ला आजम के साथ बाहर आते हुए उन्होंने मिर्जा गालिब के मशहूर शेर से अपनी भावनाओं को बयां किया: “पत्ता-पत्ता, बूटा-बूटा हाल हमारा जाने है।” आजम खान की रिहाई के साथ ही प्रदेश की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
बसपा में जाने की अटकलों पर दिया दो टूक जवाब
कुछ दिनों से चल रही बसपा में शामिल होने की अटकलों पर आजम खान ने बेबाकी से कहा:“जो लोग ऐसी अटकलें लगा रहे हैं, वही इस पर जवाब दे सकते हैं। जेल में मेरी किसी से मुलाकात नहीं होती थी। फोन की भी इजाजत नहीं थी।” उन्होंने साफ कर दिया कि इन चर्चाओं का कोई आधार नहीं है और वो सपा में ही बने रहेंगे।
“मैंने दुश्मनों से भी अच्छा सलूक किया” – सरकार पर तंज
जब पत्रकारों ने आजम से पूछा कि क्या मौजूदा सरकार ने उनसे बदला लिया, तो उन्होंने कूटनीतिक अंदाज़ में जवाब दिया:“बदला तो तब लिया जाता है जब किसी के साथ बुरा किया गया हो। मैंने तो दुश्मनों के साथ भी अच्छा व्यवहार किया है। मेरी कलम से किसी के साथ नाइंसाफी नहीं हुई।”
उल्लेखनीय है कि योगी सरकार के कार्यकाल में आजम खान पर 72 से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिसके चलते उन्हें दो बार जेल जाना पड़ा – पहली बार 27 महीने और दूसरी बार 23 महीने के लिए।
कोर्ट से मिली थी जमानत, सोमवार को पहुंचा रिहाई का परवाना
पिछले हफ्ते हाईकोर्ट से उन्हें जमानत मिली थी। सोमवार की शाम को उनकी रिहाई का परवाना सीतापुर जेल पहुंचा। सभी जरूरी औपचारिकताओं जैसे चालान जमा करना आदि के बाद उन्हें मंगलवार सुबह रिहा कर दिया गया।
समर्थकों का स्वागत, काफिले के साथ रामपुर रवाना
रिहाई के समय जेल के बाहर उनके सैकड़ों समर्थक जमा थे। आजम खान के बाहर आते ही गाड़ियों का काफिला उन्हें लेकर रामपुर रवाना हो गया। समर्थकों में गजब का उत्साह देखा गया।
अखिलेश यादव और सपा नेताओं की प्रतिक्रिया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आजम खान की रिहाई को “इंसाफ की जीत” करार देते हुए कहा:“आजम खान जी की रिहाई उन सभी के लिए राहत की बात है जो ‘इंसाफ़’ में ऐतबार रखते हैं। कोर्ट का धन्यवाद, जिसने न्याय को बनाए रखा।”
उन्होंने कहा कि यह फर्ज़ी मुकदमे करने वालों के लिए भी एक सबक है कि हर साजिश की एक उम्र होती है। साथ ही, उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो लोग सामाजिक सौहार्द के प्रतीक होते हैं, भाजपा को वो रास नहीं आते।”



