न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- रत्न और अंगूठियों को लेकर लोगों में अक्सर यह सवाल होता है कि क्या इन्हें पहनने से भाग्य या ग्रहों के प्रभाव में बदलाव आता है। रत्नशास्त्र और ज्योतिष में इसके कई सुझाव मिलते हैं, लेकिन क्या यह वाकई सच है? इस सवाल का जवाब हाल ही में प्रेमानंद महाराज ने अपने प्रवचन में दिया।
प्रेमानंद महाराज का जवाब
प्रेमानंद महाराज ने स्पष्ट कहा कि अंगूठी पहनने से भाग्य नहीं बदलता। उनका कहना था:”अंगूठी तो वैसे ही पहनी जाती है। कर्म जो है वो बहुत ही प्रबल होता है। अगर अंगूठी से ऐसा होता तो अंगूठी बनाने वाला सुखी हो जाता। किसी प्रकार की अंगूठी से आपका दुख नष्ट नहीं हो सकता।”
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महाराज ने उदाहरण देते हुए बताया कि लोग कहते हैं कि साढ़े साती से बचने के लिए घोड़े के नाल की अंगूठी पहन लो। उन्होंने कहा कि घोड़े पर साढ़े साती का असर तो उसी पर है, तुम्हारे ऊपर नहीं।
भाग्य बदलने का असली मार्ग
प्रेमानंद महाराज ने जीवन में कल्याण और दुख निवारण का असली तरीका बताया:
- भगवान का नाम जप करें – नामस्मरण से मन और कर्म पर नियंत्रण होता है।
- अच्छे कर्म करें – किसी से आशीर्वाद या तांत्रिक उपाय लेने की जरूरत नहीं।
- दुख का सामना (एनकाउंटर) करें – अपने दुखों और विपत्तियों का सामना करें और उनका समाधान करें।
उन्होंने कहा कि शोभा और धन के लिए लोग हीरे या सोने की अंगूठी पहन सकते हैं, लेकिन किसी भी अंगूठी में दुख दूर करने की शक्ति नहीं होती। दुख और प्रारब्ध का निवारण केवल भगवान और अच्छे कर्म के माध्यम से ही संभव है।



