न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र और उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि एसआईआर (Social and Industrial Registry) के साथ जातीय कॉलम भी जोड़ा जाना चाहिए, ताकि समाज के हर वर्ग की वास्तविक स्थिति का पता चल सके।
अखिलेश ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार किसानों, विशेषकर गन्ना उत्पादकों, के साथ अन्याय कर रही है। उन्होंने कहा कि गन्ने की कीमत ₹30 बढ़ाना नाकाफी है, जबकि भाजपा सरकार विज्ञापनों पर उससे कहीं ज्यादा खर्च कर रही है।
सरदार पटेल विश्वविद्यालय की घोषणा
राष्ट्रीय एकता दिवस पर लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल को नमन करते हुए अखिलेश यादव ने कहा – “समाजवादी पार्टी की सरकार बनने पर सरदार पटेल के नाम पर विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी।” उन्होंने कहा कि सपा, पीडीए गठबंधन के साथ मिलकर प्रदेश में परिवर्तन की नई शुरुआत करेगी।
भाजपा पर भ्रष्टाचार और भेदभाव के आरोप
अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार को घेरते हुए कहा कि – “यह वही सरकार है जो मंडियों को बेचने पर तुली है। बहराइच की चीनी मिलें बंद हो गई हैं, और भाजपा से जुड़े लोग किसानों के पैसे लेकर फरार हो गए।”
उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियों से दलित और पिछड़ा वर्ग सबसे अधिक प्रभावित हुआ है और आज प्रदेश में भेदभाव व नफरत का माहौल बढ़ रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं और कानून व्यवस्था पर तंज
सपा प्रमुख ने कहा कि भाजपा के बड़े नेता भी मेदांता अस्पताल (जो सपा सरकार में बना था) में इलाज कराने जाते हैं। “भाजपा सरकार में इलाज भगवान भरोसे है। हमारी सरकार बनने पर एक फोन पर एंबुलेंस सुविधा फिर शुरू होगी।”
उन्होंने विकास दुबे प्रकरण पर निशाना साधते हुए कहा – “सरकार ने उसकी गाड़ी इसलिए पलटाई ताकि खुद सरकार न पलट जाए।”
‘नाम बदलने’ की राजनीति पर वार
अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए कहा – “मुख्यमंत्री को नाम बदलने का पुराना शौक है। भाजपा सरकार सिर्फ शहरों और योजनाओं के नाम बदलने में लगी है, जबकि जनता की वास्तविक समस्याएं जस की तस हैं।” उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार विकास नहीं, केवल प्रचार और विभाजन की राजनीति कर रही है।



