न्यूज़ डेस्क/सर्वोदय न्यूज़:- राज्य के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में प्रशिक्षित स्नातक (TGT), प्रवक्ता (PGT), प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के कुल 23,000 से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (UPESSC) ने इस भर्ती के लिए 31 मार्च 2026 तक की संभावित रिक्तियों की सूचना उपलब्ध कराने के लिए सभी जिलों से अधियाचन 29 जुलाई को मांगा था। गाजीपुर को छोड़कर सभी जिलों ने यह जानकारी शिक्षा निदेशालय को भेज दी है। अब तक 71 जिलों के अधियाचन के अनुसार टीजीटी, पीजीटी, प्रधानाध्यापक और प्रधानाचार्य के 22,201 रिक्त पद पंजीकृत हैं। शेष चार जिलों के डेटा शामिल होने पर रिक्तियों की संख्या 23,000 से अधिक होने का अनुमान है।
उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक-3) डॉ. ब्रजेश मिश्र ने बताया कि चयन आयोग का पोर्टल बनने के बाद शिक्षा निदेशालय की ओर से सभी रिक्त पदों की जानकारी सीधे पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। डीआईओएस को निर्देश दिए गए हैं कि वे जिले से संबंधित अधियाचन के लिए प्रमाणपत्र जारी कर निदेशालय भेजें।
संबद्धीकरण और शिक्षक प्रशिक्षण
अपर मुख्य सचिव, बेसिक माध्यमिक शिक्षा ने 21 अक्टूबर को आदेश दिए हैं कि शासन की अनुमति के बिना सभी संबद्धीकरण आदेश तत्काल निरस्त किए जाएं और कार्मिकों को उनकी मूल तैनाती पर भेजा जाए।
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इस बीच, प्राथमिक स्कूलों में बीएड के आधार पर चयनित 30,000 से अधिक शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अनिवार्य छह महीने के ब्रिज कोर्स पूरा करने के आदेश के कारण नौकरी पर खतरा मंडरा रहा है। प्रदेश सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा दायर किया है कि शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए 1 से 15 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए जाएंगे और प्रशिक्षण 1 दिसंबर से शुरू होगा।
एनआईओएस की ओर से जारी छह महीने का ब्रिज कोर्स प्रमाणपत्र को एनसीटीई ने 2 जुलाई 2025 को मान्यता दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त बीएड अर्हताधारी शिक्षकों को यह कोर्स एक वर्ष के भीतर पूरा करने का निर्देश दिया है। कोर्स पूरा न करने पर शिक्षक की नियुक्ति अमान्य हो जाएगी।



