न्यूज़ डेस्क/मध्य प्रदेश/सर्वोदय न्यूज़:- उज्जैन स्थित श्री बड़ा गणेश मंदिर में लगे एक विवादित पोस्टर को लेकर बहस छिड़ गई है। इस पोस्टर में महिलाओं के पहनावे पर सवाल उठाते हुए “सनातन पोशाक” अपनाने की सलाह दी गई है। इस विवाद के बाद अब भक्तों, पुजारियों और आम नागरिकों के बीच चर्चा का माहौल गर्म हो गया है।
पोस्टर में माता-पिता से पूछे गए सवाल
मंदिर परिसर में लगे इस पोस्टर में माता-पिता से सीधा सवाल किया गया है – “क्या आप अपनी बेटियों को अनुचित वस्त्र पहनने की छूट देकर अश्लीलता को बढ़ावा दे रहे हैं? क्या छोटे कपड़े पहनना ही आधुनिकता है?” इस भाषा को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई है, तो कुछ लोग इसे संस्कृति की रक्षा की दिशा में एक कदम बता रहे हैं।
प्रशासन और मंदिर समिति अनजान
जानकारी के अनुसार इस पोस्टर को लेकर जब स्थानीय प्रशासन और मंदिर समिति ने यह स्पष्ट किया कि उन्हें पता नहीं है कि पोस्टर किसने लगाया। फिलहाल किसी भी संगठन या व्यक्ति ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है।
भक्तों की मिश्रित प्रतिक्रिया
मंदिर में पूजा के लिए पहुंचे कुछ भक्तों ने कहा कि धार्मिक स्थलों पर भारतीय पारंपरिक पोशाक पहननी चाहिए। उनका कहना है कि दक्षिण भारत के कई मंदिरों में पहले से ही इस तरह की ड्रेस कोड व्यवस्था लागू है और यह कोई नई बात नहीं है।
वहीं, कुछ लोगों ने पोस्टर की भाषा को टोकाटाकी और व्यक्तिगत स्वतंत्रता में हस्तक्षेप करार दिया।
पहले भी लगे हैं ऐसे पोस्टर
यह पहला मौका नहीं है जब उज्जैन के किसी मंदिर में पारंपरिक पहनावे को लेकर अपील की गई हो। शहर के कई मंदिरों में पहले से ही ऐसे बैनर लगे हैं, जिनमें भक्तों से पारंपरिक वस्त्र पहनकर ही मंदिर में प्रवेश करने की अपील की जाती है।
महाकालेश्वर मंदिर में तो गर्भगृह में प्रवेश के लिए विशेष ड्रेस कोड पहले से ही लागू है।



