नई दिल्ली/सर्वोदय:- हीरा घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े कारोबारी मेहुल चौकसी को लेकर एक बार फिर से भारत सरकार ने सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के बाद अब केंद्र सरकार की नजर पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी पर है। खबर है कि जांच एजेंसियों की एक टीम जल्द ही बेल्जियम रवाना होने वाली है, जहां चौकसी के संभावित मूवमेंट की जानकारी मिली है।
कौन है मेहुल चौकसी?
मेहुल चौकसी भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटालों में से एक, पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) घोटाले का मुख्य आरोपी है। नीरव मोदी के साथ मिलकर इस घोटाले को अंजाम देने वाला चौकसी देश से फरार हो चुका था और 2018 से एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता लेकर वहीं छिपा हुआ है।
तहव्वुर राणा की तरह “घसीटकर लाने” की तैयारी
हाल ही में मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के अमेरिका से भारत प्रत्यर्पण की खबर ने जोर पकड़ा था। अब उसी शैली में भारत सरकार और प्रवर्तन एजेंसियाँ मेहुल चौकसी के खिलाफ भी कार्रवाई की योजना बना रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, ईडी और सीबीआई की टीम बेल्जियम के लिए रवाना होने वाली है, जहाँ से चौकसी के ट्रांजिट की संभावना है।
कूटनीतिक स्तर पर तेज़ हुई हलचल
भारत ने पहले ही इंटरपोल और बेल्जियम सरकार से रेड कॉर्नर नोटिस के तहत कार्रवाई तेज करने का अनुरोध किया है। माना जा रहा है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार रहा तो मेहुल चौकसी को जल्द ही भारत लाया जा सकता है, और उसकी न्यायिक प्रक्रिया शुरू होगी।
सरकार का कड़ा रुख
सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि आर्थिक अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। वित्त मंत्रालय और गृह मंत्रालय लगातार इस मामले की निगरानी कर रहे हैं। इस बार सरकार की रणनीति साफ है – “या तो कानूनी तौर पर आए, या घसीट कर लाए जाए।”



